Sardiyo Mai Heart ka kare vishesh Khayal ( सर्दियों मे हार्ट का रखें विशेष ख्याल )
सर्दियों की मौसम का आगाज हो चुका है जिसके साथ हार्ट से संबधित दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं। अक्सर सर्दी का मौसम आते हीं हार्ट अटैक की शिकायतें बहुत बढ़ जाती हैं। ठंड के वजह से रक्त वाहिकाओं में सिकुड़न होने लगती है रक्तसंचार धीमा पर जाता है और रक्तचाप बढ़ जाता है, जब रक्तचाप निरंतर बढ़ा हुआ रहता है तो दिल तक आक्सीजन कम पहुँचता है और हार्टअटैक का खतरा काफी बढ़ जाता हैं। दिल को स्वस्थ रखने के लिए ये आदतें काफी सहायक होती हैं।
This diet will keep the heart healthy! (खान -पान का विशेष ध्यान रखें ):- साबुत अनाज और मेवे खाएं।प्रोसेस्ड चीजों से बचे। साबुत अनाज, फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें जटिल कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो दिल के लिए फायदेमंद होते हैं। जटिल कार्बोहाइड्रेट सामान्य कार्बोहाइड्रेट की तुलना में धीरे-धीरे पढ़ते हैं। देर तक शरीर को एनर्जी देते हैं। खून में ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ती। बादाम और अखरोट जैसे मेवे आवश्यक फैटी एसिड की पूर्ति करते हैं और भरपूर पोषक तत्व और फाइबर देते हैं। फाइबर युक्त चीज भी ब्लड शुगर ठीक रखने में मदद करती है।
कार्बोहाइड्रेट वसा को सीमित करें। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन वाली चीज खाये होता ये है की ठंड से लड़ने के लिए शरीर में कार्बोहाइड्रेट औरवसा से भरपूर चीज खाने की इच्छा बढ़ती है, सर्दियों मेंगरिष्ट भोजन पचता भी अधिक है। पर अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट और वर्षा तत्व शरीर में रक्त वाहिकाओं लीवर सीमित विभिन्न स्थानो पर जमा हो सकते हैं जो ब्लॉक बनाते हैं और हदे रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
Sardiyo Mai Kya khana chahiye :- मौसमी फल और सब्जियां खाएं। यह विटामिन खनिज फाइबर एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है। भोजन से पहले सलाद खाना, कार्बोहाइड्रेट और वसा को सीमित करके कैलोरीज कम करने में मदद करता है। फल और सब्जियां भोजन के बीच में कैलरी से भरपूर नाश्ते का अच्छा विकल्प है।
Namak Khane Se bache :- नमक और चीनी सीमित करें। अधिक नमक खाने से बीपी बढ़ता है जो हद रोगों की आवश्यकता बढ़ता है। वही डायबिटीज व परी डायबिटीज लोगों को ठंड में चीनी का सेवन कम करना चाहिए।
वयायाम जरूर करें पर ध्यान रखें:- ठंड के दिनों में आप अपना साइकिल चलाना आदि गतिविधियां कर पाते हैं तो अच्छी बात है। पर अगर आपके लिए ऐसा करना मुश्किल होता है तो आप घर के भीतर ही अपने पिता को बढ़ाएं। घड़ियां कार्यालय में परिसर में योग्य हाल की शारीरिक गतिविधि और एरोबिक्स करें, जिससे हथिया रोगों की जटिलताएं कम होती है। हाल के कुछ अध्ययन में नियमित तौर पर 5000 कलां चलने पर जोर दिया गया है। कुल मिलाकर जितना हो सके घर में ही तेज गति से चले।
ये भी पढ़े :- सुबह-सुबह जल्दी या देर शाम के समय तापमान में, कमी के कारण प्रदूषण की मात्रा अधिक होती है। सांस व हदय रोगी और जिन्हे एलर्जी रहती है। वह ठंडी व प्रदूषण से बच्चे प्रदूषण से सांस की नली पर असर पड़ता है और पूरे शरीर में टॉक्सिक के तत्व बढ़ाते हैं जो नसों में सूजन पैदा करते हैं। कम तापमान से रक्तचाप भी बढ़ सकता है। खासकर छोटे बच्चे व बुजुर्ग गर्म कपड़े व मास्क पहनकर घर से निकले अचानक तापमान में बदलाव व प्रदूषण से बचे
तंबाकू सेवन न करें:- धूम्रपान शरीर के अंदर विशाक्त पदार्थों के असर को बढ़ाता है जिससे अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव होते हैं। किसी भी रूप में तंबाकू से परहेज करने से शरीर में सूजन कम होने लगती है जिससे हर रोग का खतरा कम हो जाता है। सक्रिय और निष्क्रिय ध्रुमपान दोनों का लंबे समय तक सेवा करना नसों को संकुचित करता है।।
दवाई बंद ना करें:- सर्दियों के मौसम में हद से रोगियों के लिए समय पर दवाई लेना जरूरी है। यह दवाई हथिया रोगों को गंभीर होने से रुकती है। यदि कोई व्यक्ति गलती से दवा लेना छोड़ देता है तो दवा की अधिक के या पर्याप्त पूरक लेकर सिर्फ उपचार करने के बजे डॉक्टर से परामर्श करें और उसी अनुसार दवा ले। अगर किसी को हद देर रोग की से जुड़ी किसी तरह की सुरक्षा दिख रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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