
मार्च और अप्रैल के महीनों में फैलने वाली बीमारियाँ
मार्च और अप्रैल का समय मौसम परिवर्तन (सर्दी से गर्मी की ओर) का होता है, जिसे ऋतु परिवर्तन भी कहते हैं। इस दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव और हवा में नमी के कारण कई बीमारियाँ फैलती हैं।
1. वायरल बुखार और सर्दी-जुकाम
- इस मौसम में तापमान में बदलाव से सर्दी-जुकाम, गले में खराश, बुखार जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
- यह वायरल इंफेक्शन के कारण होता है, जो खांसने-छींकने से फैलता है।
2. फ्लू (इन्फ्लुएंजा)
- इस दौरान इन्फ्लुएंजा वायरस तेजी से फैलता है।
- इसके लक्षणों में तेज़ बुखार, बदन दर्द, खांसी, गले में दर्द और कमजोरी शामिल हैं।
- बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
3. चिकनपॉक्स (चेचक)
- मार्च-अप्रैल के महीनों में वायरल संक्रमण से होने वाली बीमारी चेचक (Chickenpox) के मामले बढ़ जाते हैं।
- यह खुजलीदार दाने, बुखार और कमजोरी के रूप में दिखता है।
- यह वायरस के संपर्क में आने से फैलता है, इसलिए सावधानी जरूरी है।
4. डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक
- इस समय गर्मी बढ़ने लगती है, जिससे पसीना अधिक आने और पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) की समस्या हो सकती है।
- लू लगने (हीटस्ट्रोक) का खतरा भी रहता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर और कमजोरी हो सकती है।
5. एलर्जी और अस्थमा (दमा)
- इस मौसम में फूलों के परागकण (pollen), धूल और प्रदूषण के कारण एलर्जी और अस्थमा के मामले बढ़ते हैं।
- जिन लोगों को पहले से सांस की समस्या होती है, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।
कैसे बचाव करें?
✔ स्वस्थ आहार लें – विटामिन C से भरपूर चीज़ें (नींबू, संतरा) खाएं।
✔ हाथ धोते रहें – बैक्टीरिया और वायरस से बचने के लिए।
✔ पर्याप्त पानी पिएं – डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक से बचने के लिए।
✔ स्वच्छता बनाए रखें – पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें।
✔ संक्रमित लोगों से दूरी रखें – फ्लू और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों से बचाव के लिए।
इस मौसम में सावधानी बरतकर आप इन बीमारियों से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं!