
भारत में सरकारी बैंक: इतिहास और स्थापना
भारत में वर्तमान में 12 सरकारी बैंक (Public Sector Banks – PSBs) हैं, जिन्हें सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ये बैंक देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और जनता को वित्तीय सेवाएँ प्रदान करते हैं।
सरकारी बैंकों की सूची और उनकी स्थापना
S.No | Bank Name | Year of Establishment | Initial Capital |
---|---|---|---|
1 | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) | 1 जुलाई 1955 | 200 करोड़ रुपये |
2 | पंजाब नेशनल बैंक (PNB) | 12 अप्रैल 1895 | 2 लाख रुपये |
3 | बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) | 20 जुलाई 1908 | 10 लाख रुपये |
4 | केनरा बैंक | 1 जुलाई 1906 | 25,000 रुपये |
5 | यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 11 नवंबर 1919 | 1 करोड़ रुपये |
6 | इंडियन बैंक | 15 अगस्त 1907 | 20 लाख रुपये |
7 | इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) | 10 फरवरी 1937 | 1 लाख रुपये |
8 | बैंक ऑफ इंडिया (BOI) | 7 सितंबर 1906 | 50 लाख रुपये |
9 | सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 21 दिसंबर 1911 | 20 लाख रुपये |
10 | यूको बैंक | 6 जनवरी 1943 | 1 करोड़ रुपये |
11 | पंजाब एंड सिंध बैंक | 24 जून 1908 | 10 लाख रुपये |
12 | बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 16 सितंबर 1935 | 10 लाख रुपये |
सरकारी बैंकों की भूमिका
सरकारी बैंक भारत की आर्थिक वृद्धि, ग्रामीण विकास, ऋण सुविधा, डिजिटल बैंकिंग और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बढ़ावा देते हैं। ये बैंक विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे जन धन योजना, मुद्रा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, और पीएमईजीपी में अहम भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष
भारत के सरकारी बैंक वित्तीय स्थिरता को बनाए रखते हैं और देश की आर्थिक नींव को मजबूत करने में मदद करते हैं। इन बैंकों ने विभिन्न आर्थिक संकटों के बावजूद मजबूती से अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं और जनता को सुलभ बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराई हैं।